सहकारी समितियां व मंडियां किसानों को लूटने की अडडा बनी ।
सहकारी समितियां व मंडियां किसानों को लूटने की अडडा बनी ।
अजय दुबे ...
प्रदेश वॉच नरसिहपुर । जिले में हर वर्ग शासन-प्रशासन की नीतियों से प्रताडित है जिसमें किसानों का तो खुलेआम शोषण हो रहा है जिसमें जिला प्रशासन और नेताओं के संरक्षण में बैंक, राजस्व,बिजली ओर मंडियों में अन्नदाता को खुलेआम लूटा जा रहा है। समर्थन मूल्य खरीदी तो अधिकारियों के लिए वरदान सिद्व हो रही है ! किसानों के नाम पर अनाज खरीदकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है किन्तु अफसोस कि सत्ताधारी दल के जिम्मेदार नेता ओर जिला प्रशासन मौन है या फिर कागजी आंकडों की बाजीगिरी से झूठी वाहवाही लूटी जा रही है। जिसमें दाल खरीदी घोटाला ने तो जिले में भृष्टाचार का इतिहास रच दिया। उक्त आरोप विज्ञप्ति में लगाते हुए आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक अजय दुबे ने कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री सहित जिले के जनप्रतिनिधि दाल घोटाला को मान रहे हैं परन्तु कार्यवाही के नाम पर परिणाम शून्य है। वहीं हजारों टन प्याज को सड़ा कर भृष्टाचार की दुर्गन्ध फैलायी गयी। इसके बाद भी नरसिंहपुर जिले में बोगस अन्नदाताओं के नाम पर हुई करोड़ों की दाल खरीदी पर शिवराज सहित उनके मंत्री, सांसद और विधायक खामोश क्यों हैं। आप के जिला संयोजक दुबे ने विज्ञप्ति में बताया कि मार्कफेड के जबलपुर के अफसरों की प्रांरभिक रिपोर्ट के आधार पर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को एक नोटशीट भेजी। इस पर प्रमख सचिव डां. राजौरा ने स्पष्ट तौर पर टीप लिखी कि लगभग 3400 टन दाल खरीदी में गड़बड़ी हुई है। इस मामले में व्यापारियों और शासकीय कर्मचारियों की मिलीभगत से शासन को धोखा देकर किसानों का माल दिखाकर खरीदे जाने की आशांकाए हैं। श्री दुबे ने बताया कि कई ऐसे तथ्य हैं जिनसे स्पष्ट है कि दाल खरीदी में हर संबंधित भृष्टचार में संलग्र रहा और जिला प्रशासन जॉच की जगह इन्हें बचाने में लगा रहा है इससे कई सवाल खडे हो रहे हैं। वहीं जिला पंचायत में जिला अध्यक्ष ने कलेक्टर की नाक के नीचे सचिवों के स्थानांतरण में भृष्टाचार के खुले आरोप लगाकर व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। दुृबे ने आरोप लगा कि कई बैंक, राजस्व,बिजली विभाग और जिले की सहकारी समितियां व मंडियां किसानों को लूटने की अडडा बन गयी हैं। जिले के विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधि मंचों पर भृष्टाचार को बदाश्त नही करने की बात करते हैं परन्तु जिले का हर भृष्टाचार इनके संरक्षण में फलफूल रहा है। किसानों के शोषण के साथ निर्माण कार्यो का भृष्टाचार तो अब शिष्टाचार इस सरकार ने बना दिया है।
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